मंगलवार, 7 अगस्त 2007

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी...

ख्वाहिशों के पीछे भागते-भागते बीच में वक्त निकाल ही लिया और ज़ाहिर करनी शुरू की अपनी ख्वाहिशें...

1 टिप्पणी:

उन्मुक्त ने कहा…

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